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रूप घनाक्षरी- एस.के.पूनम

नभ पर छाए मेघ,

होने लगी बूंँदा-बाँदी,

तृण को पोषण मिले,

हरियाली चहुँओर।

भर गए नदी-नाले,

तृप्त हुए जीव-जन्तु,

चातक भी तान छेड़े,

जंगल में नाचे मोर।

मिलेगा जीवन दान,

जल को सहेज कर,

ईश्वर का उपहार,

तन भींगे पोर-पोर।

बढ़ जाए नव तरु,

डाली पर खिले फूल,

फैली गंध धरा पर,

हृदय पट को खोल।

एस.के.पूनम
प्राथमिक विद्यालय बेलदारी टोला
फुलवारीशरीफ, पटना

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