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लक्ष्य की प्राप्ति – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

लक्ष्य की प्राप्ति

लक्ष्य तेरे बहुत बड़े हों,
यह नहीं कोई जरूरी।
हर बात में कोई साथ दे,
यह नहीं उसकी मजबूरी।

लक्ष्य जितना ही बड़ा हो,
पुरुषार्थ भी उतना घना हो।
कभी आराम में पग मतधरो,
इसमें यही करना मना हो।

किसी पाश में बंधना नहीं,
पर शौर्य दिखलाते चलोगे।
आलस्य को तुम छोड़कर,
स्व कर्त्तव्य पथ बढ़ते चलोगे।

 अपने लक्ष्य के हर आईने में,
तुम कभी धूमिल न पड़ना।
हो सके तो इस आईने को,
साफ सदा करते भी रहना।

कभी छोटे बात पर भी,
ईर्ष्या कभी  मन में न लाना।
लक्ष्य जब हकीकत बने तो,
नित परोपकार की गंगा बहाना।

अपने लक्ष्य प्राप्ति में सदा,
यह  ध्यान रखना पड़ेगा।
भरोसा और विश्वास को सदा,
जगह निश्चित देना पड़ेगा।

लक्ष्य के लिए जीवन समर्पित,
लक्ष्य ही तुम्हारी आसमां  हो।
पुरुषार्थ के बढ़ते चरण की,
यही सच्ची तुम्हारी दास्तां हो।

अपने लक्ष्य प्राप्ति के डगर में,
गागर में यदि सागर भरे हो।
कम शब्दों में बड़ी बात भी,
कह सकते तो तुम बड़े हो।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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