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विनती करूँ मैं भगवान – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

विनती करूँ मैं भगवन

विनती करूँ मैं भगवन ,
तुम अपना मुझे बना लो ।
हर  अज्ञानता के पगोंं से ,
तुम   मुझे बचा लो ।।

जीवन दिए हो भगवन ,
साँसों को तुम्हीं सम्भालो।
हर मुसीबत की घड़ी में ,
सब बाधा तुम हटा लो।।

भटक जाऊँ न कहीं मैं ,
कठिन मार्ग से उबारो ।
मेरे ज्ञान की परतों को ,
तुम नित्य प्रति निखारो ।।

बात बनती है तुम्हीं से ,
कोई कुछ न कर पाए ।
सर्वज्ञ हो तू भगवन ,
सब तुम्हारे ही गीत गाए ।।

इस धरा का फूल हूँ मैं ,
तुम्हीं हो पालनहारे ।
तुम्हारे बिना   न कोई ,
सबके तू ही हो सहारे ।।

ज्ञान का मैं भूखा ,
मेरी अज्ञानता मिटा दो ।
मेरे सारे कर्मों में तू ,
सद्ज्ञान को मिला दो ।।

भरोसा करूँ मैं किसका ,
तुम्हीं नाथ हो हमारे ।
मेरी जिंदगी तुम्हीं हो ,
सब आसरा हवाले ।।

तेरी शरण हूँ आया ,
यह बात है अर्पण की ।
चाहता कृपा मैं तेरी ,
यह पुकार है बचपन की ।।

मेरी प्रार्थना बचपन की ,
सब गलती भी माफ करना ।
तेरे चरणों में मेरी भक्ति ,
इसकी भी लाज रखना ।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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