विनती करूँ मैं भगवन
विनती करूँ मैं भगवन ,
तुम अपना मुझे बना लो ।
हर अज्ञानता के पगोंं से ,
तुम मुझे बचा लो ।।
जीवन दिए हो भगवन ,
साँसों को तुम्हीं सम्भालो।
हर मुसीबत की घड़ी में ,
सब बाधा तुम हटा लो।।
भटक जाऊँ न कहीं मैं ,
कठिन मार्ग से उबारो ।
मेरे ज्ञान की परतों को ,
तुम नित्य प्रति निखारो ।।
बात बनती है तुम्हीं से ,
कोई कुछ न कर पाए ।
सर्वज्ञ हो तू भगवन ,
सब तुम्हारे ही गीत गाए ।।
इस धरा का फूल हूँ मैं ,
तुम्हीं हो पालनहारे ।
तुम्हारे बिना न कोई ,
सबके तू ही हो सहारे ।।
ज्ञान का मैं भूखा ,
मेरी अज्ञानता मिटा दो ।
मेरे सारे कर्मों में तू ,
सद्ज्ञान को मिला दो ।।
भरोसा करूँ मैं किसका ,
तुम्हीं नाथ हो हमारे ।
मेरी जिंदगी तुम्हीं हो ,
सब आसरा हवाले ।।
तेरी शरण हूँ आया ,
यह बात है अर्पण की ।
चाहता कृपा मैं तेरी ,
यह पुकार है बचपन की ।।
मेरी प्रार्थना बचपन की ,
सब गलती भी माफ करना ।
तेरे चरणों में मेरी भक्ति ,
इसकी भी लाज रखना ।।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

