विश्व जनसंख्या दिवस
माह जुलाई की जुड़ा, एक अनोखी तार।
ग्यारह आती तिथि जहाँ, होता नया प्रचार।।
जनसंख्या के आंकड़े, पकड़ी जब रफ्तार।
विश्व इकठ्ठा हो गया, करने यहाँ विचार।।
जनसंख्या विस्फोट का, मचता हाहाकार।
संघ संयुक्त राष्ट्र का, कदम बढ़ा इस बार।।
एक मंच पाकर सभी, करते हैं सत्कार।
बढ़ती जनसंख्या यहाँ, इसका क्या उपचार।।
संसाधन कैसे मिले, सबको सहज प्रकार।
प्रेम मुदित जग रह सके, छूटे अत्याचार।।
मिले स्वास्थ्य सेवा सुलभ, शिक्षा का अधिकार।
बड़ी समस्या हो नहीं, ऐसा दें आकार।।
गाँव- शहर हर्षित रहे, मिलता सदा निखार।
संरक्षित पर्यावरण, सबको सहज प्रकार।।
उचित नियंत्रण से सदा, सपने हों साकार।
पाठक कहता है सदा, सोचे यह संसार।।
रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश, पालीगंज, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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