शहीद तुझे सलाम
धन्य हे ईश्वर दिया उन शहीदों को
अपने हृदय में उन्हें स्थान,
जो चौदह फरवरी को पुलवामा में दिया
हॅ॑सते-हॅ॑सते वो अपनी जान।
चालीस की संख्या में मिलकर
जा रहे थे एकसाथ,
बैठे थे गाड़ी में और हॅ॑सकर
कर रहे थे बात।
कि अचानक कायरों ने
पीछे से किया वह हमला ,
फेका बम गाड़ी पर उसने
मचा दिया हो-हल्ला।
कायरों- डरपोकों को सामने से लड़ने की कहाॅ॑ औकात,
न हिम्मत न ताकत है उसको
इसीलिए करता पीछे से वह वार।
भारत के वीर जवान हैं वोऔर हैं भारत माॅ॑ के वो लाल
कायर अगर सामने से भी वार करता ,
तो भारतीय जवानों की नहीं गल सकती थी कोई दाल।
भारतीय जवानों के एक दहाड़ से
भागता है दुश्मनों का दल,
दुश्मन में वो ताकत कहाॅ॑
कहाॅ॑ लड़ने का उसे वो बल।
हे पुलवामा में मारे गए हमारे भारतीय शहीद जवान,
आपने हमसब के खातिर
किये हैं अपनी जान कुर्बान।
आज शहीद दिवस पर
हम सभी भारवासी मिलकर,
करते हैं शत् -शत् बार नमन
और शत्- शत् बार प्रणाम।
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नीतू रानी” निवेदिता”
पूर्णियाॅ॑ बिहार।(म०वि०सुरीगाॅ॑व ,
प्रखंड -बायसी,जिला -पूर्णियाॅ॑ बिहार।)