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शान निराली छठ व्रत की – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

छठ व्रत  की शान निराली,
महापर्व की शोभा न्यारी।

हम बच्चों को खुशी देनेवाली,
अनुपम दृश्य लगती बड़ी प्यारी।

व्रती वंश  की कामना रखती,
इस व्रत में  यह ध्यान है धरती।

छठी मईया बच्चों के भाग्य हैं लिखतीं ,
उनके आशीर्वाद से वंश है चलती।

जीवन बड़ा सुखमय होता है,
जब पावन दृश्य सामने होता है।

इस पर्व की महत्ता को जानें,
कितना शुद्ध यह नियम  पहचानें।

सब जगह शुद्धता रखा जाता है ,
भाव तभी निर्मल आता है।

छठ पर्व चार दिन तक चलता,
इससे अमृत फल है मिलता।

सबके लिए बड़े व्रत हैं न्यारे,
सब मिलकर गाते हैं प्यारे।

इस पर्व में साफ- सफाई,
यह बड़े महत्त्व का भाई।

यह पर्व मन निर्मल कर जाता,
बुद्धि, विवेक मनोहर भाता।

हम बच्चों को नए कपड़े मिलते हैं,
इसे पहन हम बड़े खुश दिखते हैं।

इस व्रत का प्रसाद है ठेकुआ, केला,
दृश्य घाट अति सुंदर वेला।

पूरा परिवार खुशी से झूमे,
हम बच्चे घर-घर घूमें ।

छठी मईया की कृपा जब होती,
अपना पराया का भाव है खोती ।

हम बच्चों के लिए यह व्रत सुहावन,
चार दिन तक लगते अति पावन।

यह पर्व घर- घर खुशियों को लाता,
जीवन सभी का मंगल कर जाता।

यह पावन व्रत हर साल  है आता,
हम  बच्चों को  धन्य  कर जाता।

छठी मईया हम सबको बुद्धि देवें,
क्रोध, लोभ हम से हर लेवें।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुज़फ्फरपुर

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