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शिक्षा – गौतम भारती

gautam bharti

शिक्षा क्या है???
शिक्षा ??
शिक्षा एक संस्कार है
कुशलता का व्यवहार है
ज्ञानों का भंडार है
घर -घर का त्योहार है
बुजुर्गों का उद्गार है
और जीवन का शृंगार है शिक्षा।

शिक्षा??
शिक्षा ताल है तो सुर भी है,
ये नृत्य है तो नूर भी है ।
कहीं जुगनू है
कहीं दीपक है
कहीं चिराग है
तो कहीं कोहिनूर है शिक्षा ।।

शिक्षा??
शिक्षा मान है सम्मान है
अज्ञानियों के लिए ज्ञान है
शालीनता की पहचान है
गरीबी पर एहसान है
माहों में रमजान है
शिक्षितों का यशगान है
और मनुष्यों के लिए
वरदान है ..शिक्षा ।

शिक्षा??
शिक्षा से संवाद है
सारे सिर का ताज है
पढे-लिखे का नाज़ है
और गौतम की अल्फाज़ है।
शिक्षा है तो खुशियां है
मुट्ठी में सारी दुनियां है
चलो अब दुनियां
शैर कर आएँ,
और शिक्षा का
परचम लहराएं।
हर उत्तुंग पर फहराता-2
विजय पताका शिक्षा है ।
चाँद का दीदार करवाता
एक सहारा शिक्षा है ।
एक सहारा शिक्षा है ।

शिक्षा??
काले हो या गोरे हो
नाटे हो या लंबे हो
घर में हो या बाहर हो
जो जहां है वहीँ खुश है ।
शिक्षा है तो सब कुछ है ।
शिक्षा है तो सब कुछ है ।

शिक्षा प्रेम है
प्रपंच नहीं ।
सदाचार का आचरण है
भ्रष्टों का दुर्गंध नहीं ।
ये वरदान है परमार्थ का
अभिशाप और स्वार्थ नहीं।
ये सागर में निर्माण है
कर्मों से विध्वंस नहीं ।
जो सत्य है वही न्याय है ।
अनैतिकता का अनुबंध नहीं ।
ये पुलकित मन को
सुशोभित करता ,
विक्षिप्त जीवन का
कलंक नहीं ।।

इसीलिए तो कहते हैं!
शिक्षा का अलख जगाना है।
हर -घर में खुशियां लाना है ।
चलो आज हम कदम बढाएं
शपथ लें और जोर लगाएं..।
शिक्षित बनें,
संविधान का सम्मान करें
और शान से तिरंगा फहराएं।।
-: समाप्त:-

सादर आभार
Master गौतम भारती
बनमनखी,पूर्णिया।

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