विश्व धरा सृष्टिकर्ता,
अद्भुत हैं विश्वकर्मा,
दुनिया है अलंकृत,नमस्कार बारम्बार।
श्रमसाध्य साधना के,
अनन्त बधाइयों में,
प्रणम्य प्रणेता को है एकमेव अधिकार।
सुंदर द्वारिका बना,
लंकेश महल बना,
शिल्पकला बेमिसाल,शिल्पजीवी को सत्कार।
मंदिर निर्माण कला,
आधुनिक तकनीक,
कृपा करें विश्वकर्मा,ज्ञान संग्रह स्वीकार।
एस.के.पूनम।
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