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सजल – सुधीर कुमार

Sudhir Kumar

सजल
सुमेरु छंद
मात्रा — 19
यति — 12,7
समांत — ऊल
पदांत — से हम

1222 122 , 2 122

चलो सबको सजा दें , फूल से हम ।
रखेंगे दूर जग को , शूल से हम ।।

धनी भरते सदा घर , को धनों से ।
समझते हैं इसे तो , धूल से हम ।।

न भूलें आज हम निज , धर्म प्यारे ।
तभी तो पास हैं अब , मूल से हम ।।

हमारी नाव आई , है किनारे ।
अभी भी दूर हैं कुछ , कूल से हम ।।

न सोचो अब कि होगा , क्या हमारा ।
करेंगे अब न फिर यह , भूल से हम ।।

झगड़ते हैं सभी बिन , बात के ही ।
कभी मत बात को दें , तूल से हम ।।

सुधीर कुमार , किशनगंज , बिहार

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