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सभ्यता की पहचान है हिन्दी – सुशील कुमार

देवभाषा से निकली

हमारा स्वाभिमान व

ईमान है हिन्दी,

शस्य‐श्यामल धरा का

शृंगार है हिन्दी।

मर्म से भरी भाषा यह

सुन्दर जीवन की

अभिलाषा यह,

मात्र समृद्ध शब्दों का

सूत्रधार नहीं,

मानव जीवन का

सुदृढ आधार है हिन्दी।

उन्नत संस्कृति का

पर्याय है यह,

जन‐जन का न्याय है यह,

मात्र सभ्य होने का

प्रमाण नहीं,

सभ्यता की पहचान है हिन्दी।

इस सुन्दर जगत को,

देवों से मिला

खूबसूरत‐सा वरदान है हिन्दी,

नस‐नस में दौड़ रहा,

जीता‐जागता सम्मान है हिन्दी।

सुशील कुमार (दीपक सोनी)
‘शिक्षक’
उच्च माध्यमिक विद्यालय,
कमरौली, शिवहर

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