Site icon पद्यपंकज

स्वामी विवेकानंद – रामकिशोर पाठक

 

विवेकानंद आज हैं, किए जा रहे याद।

हम मनाएँ जन्म दिवस, करते यह फरियाद।।

युवा राष्ट्र के बोलिए, रहें न किंचित मौन।

बन जाए फिर विश्व गुरु, भार उठाए कौन।।

कलकत्ता के प्रख्यात, विश्वनाथ के पुत्र।

राज योग रचना किया, दिया जगत को सूत्र।।

बचपन से हीं प्रखर थें, भायी जिनको न्याय।

जीवन आदर्शवादी, संन्यास में बिताय।।

विश्व धर्म संसद जाकर, दर्शन किया बखान।

करुणा को सनातन की, बतलाया पहचान।।

निर्मल मन नरेन्द्र रहे, परमहंस के शिष्य।

विवेकानंद बन गए, जो बदलें परिदृश्य।।

उठो जागो और चलो, करने लक्ष्य संधान।

विवेकानंद ने कहा, मिलेगा नव विहान।।

युवाओं आगे आओ, दो खुद को पहचान।

बन जाए फिर विश्व गुरु, भारत देश महान।।

रचना कर वेदांत की, दिया विश्व को ज्ञान।

कर्मयोगी बनें सभी, करें जगत उत्थान।।

रामकृष्ण मिशन में हीं, जीवन दिया गुजार।

युवा शक्ति के प्रणेता, समावेशी विचार।।

स्वतंत्रता के लिए भी, किया जागृति प्रसार।

वो नरेंद्र मानव नहीं, लगे देव अवतार।।

राम किशोर पाठक

प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज

पटना, बिहार

1 Likes
Spread the love
Exit mobile version