तन मन जिसने किया कुर्बान
वो कोई और नहीं, शिक्षक महान।
छात्रों की राह करते आसान,
शायद मिला उन्हें ईश्वरीय वरदान।।
सुबह की पहली किरणों के साथ,
छात्रों का टेंशन लेते अपने माथ
नित्य नए-नए ज्ञान का करते संचार,
छात्रों को सिखलाते सुंदर विचार,
कक्षा से पहले तैयार करते लेशन प्लान,
ताकि बच्चों को दे सटीक ज्ञान।
हर छात्र पर रहता उनका ध्यान,
जब दे रहे हों शिक्षा और ज्ञान।।
छात्रों के लिए उनका ये समर्पण,
अरमान भी जिनका हो अर्पण,
छात्रों की सफलता से जो हो उत्साहित,
हमेशा जिन्हें करते रहते प्रोत्साहित,
जिनका सर्वस्व जीवन छात्रों पर हो समर्पित,
उन शिक्षकों को मेरा चन्द शब्द अर्पित,
जिन्हें न रहता अपने निजी जीवन का भान,
जो अरमानों को छात्रों के लिए करते कुर्बान,
अपनी खुशी का भी न रखते ध्यान,
हर पल छात्रों का जो करते गुणगान,
वो कोई और नहीं, हमारे शिक्षक महान।
सच्चाई की जो पाठ पढ़ाते,
धैर्य, क्षमा, करुणा का भाव जगाते,
हम नौसिखिए को बाज बनाते,
नभ में उड़ना वही सिखाते,
शिष्टाचार की राह दिखाते,
मर्यादा का नित पाठ पढ़ाते,
सामाजिकता का दर्श दिखाते,
परिस्थितियों से लड़ना सिखलाते,
दूसरे की सफलता पर जो खुश हो जाते,
सच्चे शिक्षक की भूमिका बखूबी निभाते,
जिनका सर्वस्व जीवन छात्रों के लिए अर्पण,
उनके लिए मेरा कोटि-कोटि वंदन।
जिनके कार्यों से जग में मिलता मान और सम्मान,
वो कोई और नहीं, हमारे शिक्षक महान।।
शिक्षक दिवस पर ही नहीं, हर पल करें वंदन,
चलो करें मिलकर उनका वंदन अभिनंदन।।
विवेक कुमार
भोला सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय
पुरुषोत्तमपुर
कुढ़नी, मुजफ्फरपुर