हिंदी हमारे राष्ट्र के अस्तित्व की पहचान है
संस्कृति है निर्मित जिससे सुरक्षित अभिमान है
सिंधी से अवतरित हिंदी ये हमारी तो शान है
संस्कृत तनया यह हमारी लेखनी की आन है
संपर्क भाषा रूप में जोड़ता ह्रदय का तार है
राजभाषा राष्ट्रभाषा रूप में पाता सदा यह मान है
भारत के भाल पर बिंदी सदृश हिंदी विराजमान है
एक सौ चालीस करोड़ जन आवाज का स्वाभिमान है
स्वतंत्रता संग्राम से ही हिंदी में झलक हिन्दुस्तान है
युगधर्म का कराती अनवरत यह ज्ञान है
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p data-start=”510″ data-end=”584″>दादू कबीर सूर तुलसी मीरा प्रभूत कवि जन
शरण में इसकी आकर करते गुणगान है|
अनुसुईया कुमारी
उच्च माध्यमिक विद्यालय कोदवार
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