हिंदी हमारे राष्ट्र के अस्तित्व की पहचान है – Anusuiya Kumari

हिंदी हमारे राष्ट्र के अस्तित्व की पहचान है

संस्कृति है निर्मित जिससे सुरक्षित अभिमान है

सिंधी से अवतरित हिंदी ये हमारी तो शान है

संस्कृत तनया यह हमारी लेखनी की आन है

संपर्क भाषा रूप में जोड़ता ह्रदय का तार है

राजभाषा राष्ट्रभाषा रूप में पाता सदा यह मान है

भारत के भाल पर बिंदी सदृश हिंदी विराजमान है

एक सौ चालीस करोड़ जन आवाज का स्वाभिमान है

स्वतंत्रता संग्राम से ही हिंदी में झलक हिन्दुस्तान है

युगधर्म का कराती अनवरत यह ज्ञान है

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p data-start=”510″ data-end=”584″>दादू कबीर सूर तुलसी मीरा प्रभूत कवि जन

शरण में इसकी आकर करते गुणगान है|

अनुसुईया कुमारी
उच्च माध्यमिक विद्यालय कोदवार

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