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ज्ञान दायिनी – अशोक कुमार

Ashok

ज्ञान दायिनी

हे ज्ञान दायिनी,
अबोध बालक पुकारे।
बसंत पंचमी को आ जा,
हमें दर्शन करा जा।।

मुझमें विद्या का ज्ञान भरदें,
मेरा काया कल्प करदे।
अपनी कृपा की ज्योती,
मां मुझपें करदे।।

हमें इतना शक्ति दे,
दुसरो के काम आएं।
दीन दुखियों की सेवा में,
अपनी हाथ बटाएं।।

कर्तव्य पथ पर चलकर,
अपनी लक्ष्य को सफल बनाएं।
सत्यता की पहचान कर,
जीवन सुखमय बनाएं।।

विद्या का प्रसार कर,
ज्ञान का दीप जलाएं।
मेरे अंतर्निहित ज्ञान,
सभी के काम में आएं।।

बनें हम उपकारी,
दुसरो के काम आएं।
दीन दुखियों को दान कर,
दानवीर कहलाएं।।

आरजू मेरा है,
मुझपर उपकार करना।
अपनी आशीर्वाद मां,
मेरे सिर पर रखना।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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