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TEACHER-नीतू रानी

विजय सर
आप क्यूँ चले गए।


आप क्यूंँ चले गए


कौन संभालेगा पद्यपंकज का कार्य
रो रहा आपके लिए टी ओ बी परिवार
आप क्यूँ चले गए।

आप थे मृदु भाषी इंसान
और कर्त्तव्य निष्ठावान,
आपको बुला लिए भगवान
आप क्यूँ चले गए।

हमको जब पड़ता था कोई काम
करते थे आपको हम प्रणाम,
बहन कहकर लेते थे मेरा नाम
आप क्यूंँ चले गए।

आप थे बहुत दिनों से बीमार
फिर भी करते रहे सब कार्य,
न किए कभी आप इंकार
आप क्यूँ चले गए।

भगवान आए 28 को आपके पास
ले गए आपको अपने साथ,
हृदय में दे दिए रहने को वास
आप क्यूँ चले गए।

आप तो बहुत खुश हैं ईश्वर के पास
रो रहा आपके लिए परिवार,
समाज,
क्योंकि व्यक्तियों में आप थे खास
आप क्यूँ चले गए।


स्वरचित कविता
नीतू रानी,
म०वि०सुरीगाँव बायसी, पूणि॔याँ।

NEETU RANI

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