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इमान हो ऊँचा-ब्रजराज चौधरी

इमान हो उँचा 

उँचे भवन बना न सको तुम,
पर तेरा इमान हो उँचा।
ऐसा कोई काम न करना,
जिससे तेरा सर हो नीचा।
उँचे भवन बना न सको तुम; पर तेरा…

ना तेरे घर मंहगे फर्नीचर,
ले ना सको तुम लकदक जेवर।
जीर्ण दरो – दीवार भले हो,
जर्जर लेकिन, शान हो उँचा।
उँचे भवन बना न सको तुम, पर तेरा…….।

ना सूट है, ना शदरी हो,
ना वदन पे मंहगी चदरी हो।
फटी भले है, गौर से देखो,
पर दामन है बिलकुल सच्चा।
उँचे भवन बना, सको तुम, पर तेरा…..।

अपना तो बस एक शगल है,
मेहनत की खाने में कुशल है।
लूट-खसोट, ठगी, चोरी को,
कभी ना जानो तुम अच्छा ।
उँचे भवन बना ना सको तुम, पर तेरा…..।

ब्रजराज चौधरी
मध्य विद्यालय रन्नूचक
नाथनगर, भागलपुर
9973946750

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