2 छठ पर्व की गरिमा
वंश परम्परा चलती रहे ,
सुख से जियें लोग सभी ।
कामना करते छठ व्रती यही ,
बन जाए सबकी बात सभी ।
जन जन मे ऐसी ज्योति जली है ,
जो भावों को निर्मल सदा बनाता है ।
कार्तिक मास का यह पावन पर्व ,
दिल मे ढेरों सुकून ले आता है ।
बच्चे , बूढ़े सभी तत्पर दिखते ,
सब मे भाव प्रवणता लाता ।
जीवन मे यही शुद्ध भाव ही
मन को पुलकित भी कर जाता ।
घाटों पर इसकी शोभा होती
तरह तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते ।
केला , ठेकुआ , नारियल , नीबू ,
महा प्रसाद की याद दिलाते ।
सूर्योपासना का यह महापर्व ,
अप्रतिम भक्ति भाव भर देता ।
तन मन मे यह संस्कार जगाकर ,
असीम ऊर्जा संचरित कर देता ।
तन , मन ऐसे सब दिन शुद्ध रहे ,
भक्त अमर नित कामना करता है ।
यह केवल चार दिन का न होकर ,
सालों भर की मंगलकामना करता है ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

