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मेरी प्यारी गौरैया -अवधेश कुमार

मेरी प्यारी गौरैया : बाल कविता

आँगन में जब हँसी गूँजती,
नन्हें पाँव दौड़ जाते,
गौरैया संग बच्चे मिलकर,
गीत खुशी के गाते।

कभी तिनका लाए, कभी दाना चुगे नटखट सी,
माँ के आँचल जैसी प्यारी, भोली उसकी छवि-सी।

पेड़ की टहनी पर बैठी, सूरज संग मुस्काए,
बच्चों को उड़ना सिखलाए, सपनों के पंख लगाए।

कभी छत पर तो कभी बगिया में, चूँ-चूँ स्वर सुनाती,
मानो कहती — प्रेम रहे तो, हर खुशबू मुस्काती।

गौरैया कहती, रखो संभालो, पेड़ों को मत काटो,
प्रकृति का यह प्यार अनोखा, इसे सदा ही बाँटो।

पेड़ लगाओ हर आँगन में, जल को व्यर्थ न जाने देना ,
धरती माँ की गोद सजेगी, जब सब मिलकर देंगे दाना।

मै भी रहूँगी पास तुम्हारे, चहक उठेगा बगिया रौशन,
फूलों की खुशबू संग मैं लाऊँ, उजले नभ का मौसम ।

फिर जब सूरज ढल जाता है, गाती स्नेह कहानी,
गौरैया से सीखो दोस्तों — जीवन है सुहानी।
प्रस्तुति – अवधेश कुमार ,
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय रसुआर , मरौना , सुपौल

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