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बच्चों को दुग्ध प्रदान करें-विजय सिंह नीलकण्ठ

Vijay

बच्चों को दुग्ध प्रदान करें

जब मैदानों में पहुॅंचा 
कुश्ती का दंगल शुरू दिखा 
सबके मुख पर बस एक बात 
तुम माॅं का दूध पीया है क्या?
गर माॅं का दूध पीये हो तुम
तभी विजित हो पाओगे 
नहीं तो हट जल्दी पीछे 
क्या मुझसे हाथ मिलाओगे।
यह आवाज हर ओर गूंज रही 
थी मेरे प्यारे भाई 
सुनकर मन ही मन में खुश था 
बचपन में दूध पीया स्व माई। 
अमृत समान यह दुग्ध जिसे 
मिलता वह स्वस्थ सदा रहते 
शायद कोई माॅं ऐसी हो 
जो इसके लिए है न कहते।
आधुनिकता से हावी होकर 
कुछ इसको न अपनाते हैं 
है कारण कमजोरी इसकी 
बच्चे कुपोषित हो जाते हैं।
विनती है उन सब मातृ से 
इस अनुचित सोच का त्याग करें 
हर दिन हर पल फिर बढ़-चढ़कर 
बच्चों को दुग्ध प्रदान करें।
विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम
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