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बाल जिज्ञासा-रुचिका

बाल जिज्ञासा

माँ मेरी तुम मुझे बताओ,
चिड़िया कैसे उड़ती आकाश में
फिर कैसे वो नीचे आती
कहाँ से लाती अपना खाना
कैसे पानी पीती है?
माँ बोली मेरी गुड़िया न्यारी,
चिड़िया को है दो पंख प्यारी।
उससे ही वो उड़ती है,
फिर वो नीचे आ जाती है,
खेतों खलिहानों से वो चुनती दाना,
ताल, पोखरे से वो पीती पानी।
गुड़िया बोली वाह माँ फिर तो
बड़े मजे हैं उसके,
जब मन चाहे उड़ती जाये,
जहाँ से मन वो दाना लाये,
जहाँ से मन वो पानी पी जाये।

अच्छा माँ फिर ये बतलाओ
तितली क्यों फूलों पर मंडराती है,
क्यों वह दिखती रंग बिरंगी
क्या वह खाती है?
माँ बोली सुन मेरी गुड़िया रानी,
तू तो है बड़ी सयानी।
फूलों पर मँडराती तितली,
मकरंद ले उड़ जाती है,
वही है उसका खाना पानी,
ईश्वर बनाये उसके रंग सुहानी।

माँ मुझको ये बतलाओ,
माँ बोली गुड़िया अब सो जाओ।
फिर कल सुनाऊँगी तुम्हें नयी कहानी।

रुचिका

उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ गुठनी

सिवान बिहार

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