Site icon पद्यपंकज

बालदिवस-अशोक कुमार

बालदिवस

नेहरू के जन्म दिवस को,
बाल दिवस के रूप में मनाएँ।
चाचा को बच्चों से था प्यार,
इनके जन्म दिवस का करे इजहार।।

बच्चों को अधिकार के लिए,
चाचा ने वकालत किए।
इनके अधिकारों के प्रति,
उनके मन में थी अभिवृत्ति।।

बच्चों से था अथाह प्रेम,
बच्चे भी करते थे प्रवाह प्रेम।
चाचा उनके प्रति थे कूल,
रखते थे गुलाब का फूल।।

उन्होंने अपने जन्मदिवस को,
बाल दिवस के रुप में मनाया।
सभी बच्चों को,
प्रेम का पाठ पढ़ाया।।

अपने जन्म दिवस को,
खुशियों का इजहार किया।
बाल दिवस के रूप में मनाने का,
उन्होंने प्रतिज्ञा किया।।

हर साल उनके जन्मदिवस को,
हम बाल दिवस मनाते हैं।
चाचा नेहरू के प्यार को,
बच्चों के बीच बताते हैं।।

प्रथम प्रधानमंत्री के रूप में,
उन्होंने पदभार ग्रहण किया।
उनमें नहीं था पद का अभिमान,
प्रेम सादगी थी उनकी पहचान।।

हम भी चले उनके पथ पर,
कुछ खुशियाँ बच्चों में बांटा करें।
प्रेम मोहब्बत भरे उनके दिलों में,
चाचा कहलाने का अधिकारी बने।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version