बस महफ़ूज रहना
हम सारी चढ़ाइयाँ चढ़ लेंगे
हम सारी लड़ाइयां लड़ लेंगे
हम लिख लेंगे फिर से इतिहास
मेरे बच्चों बस महफ़ूज रहना।
कोई चुनौती कठिन नहीं
हम राह बना लेंगे नई
हम फिर से उजाला कर लेंगे
मेरे बच्चों बस महफ़ूज रहना।
तुम नील गगन के तारे हो,
तुम कल के सूरज प्यारे हो
नया नया सवेरा कर लेंगे,
मेरे बच्चों बस महफ़ूज रहना।
हम नीव रखेंगे खुशियों की
हम नया घरौंदा सजायेंगे,
हम तिनका तिनका चुनकर के
ज्ञान अग्नि जगायेंगे
हम सारी कमियां भर देंगे
मेरे बच्चों बस महफ़ूज रहना।
अमृता सिंह
नव सृजित प्राथमिक विद्यालय डूमरकोला
चांदन बांका
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