बसंत का आगमन
नीचे धरती ऊपर अम्बर,
मन्द-मन्द मुस्काता तरुवर।
बादल आया उमड़-घुमड़ कर,
आज मगन मद मस्त है जलधर।
नील गगन में उड़ते पँछी
कौए चील बाजो की मस्ती
झूम रहा है हरा समुंदर
ताल तिलैया झील सरोवर।
बीत गया पतझड़ का मौसम
होने वाला है बसंत का आगमन।
मधुवन सारे झूम रहे हैं
झूम रहे हैं सारे नजारे
वृक्षों में नये पल्लव आये
बागों में हरियाली छाई।
चलने लगी बसंती हवाएँ
स्वागत में खड़ी अरहरी लजाई
नव कोंपल से सजे बगीचे
देख रहे हैं आंखें मींचे
कब आयेंगे ऋतुराज बसंत
कब होगा हमारा मिलन
फिर बागों में कोयल कुहुकी
डालों पर गौरैया चहकी
हुआ सुगंधित वातावरण
सबकुछ लगने लगा मन-भावन
खिल गए सभी के चेहरे
खिल गए हम सब के चितवन
क्योंकि हमारे बीच में
हो रहा है बसंत का आगमन।
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प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर
समस्तीपुर