भारत माता
भारत माँ कहते हैं मुझको
अमर वीर मेरे देश के लाल,
फर्ज निभाते प्राण गँवाकर
ऊँचा रखते मेरा भाल।
शेरों की माँ हूँ मुझको
कंधों पर लिये चलते हैं,
चीड़ के रख देते हैं उसको
जो आंचल मेरी पकड़ते हैं।
हिम्मत करे न कोई शकुनि
फिर से शतरंज बिछाने को,
तोड़ ही देना उन हाथों को
जो उठे तुम्हे लड़ाने को।
तुझे पता क्या लाल मेरे
मैं खून के आँसू रोती हूँ
लिपटे शव तिरंगे में
जब अपने गोद में लेती हूँ।
एक भी बूंद खून का तेरे
कभी व्यर्थ न जायेगा,
तेरे चिता पर लाल मेरे
मौत भी शीश झुकायेगा।
तेरे बदौलत देख तेरी माँ
दुनियाँ में इठलाती है,
पहन तिरंगा आँचल को
वह अम्बर में फहराती है🇮🇳
जय हिन्द🙏🙏
डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा
राज्यकृत मनोरमा +2 विद्यालय
जमालाबाद, मुजफ्फरपुर
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