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पद्यपंकज

भारतीय किसान-भवानंद सिंह

भारतीय किसान 

हमारे कृषकों को आराम नहीं है
रहता उसको हरदम काम,
फसल लगाना, अन्न उगाना
है उसका ये मुख्य काम ।

जेठ की तपती गर्मी में
करते खेतों में काम सभी,
पूस की ठिठुरती सर्दी में
करते नहीं आराम कभी ।

कमर में लंगोटी, सर पर पगड़ी
अर्ध्द नग्न सा दिखता है,
यही उसकी पहचान है
अन्न दाता उसका नाम है ।

सब कुछ झेलते और सहते हैं
मुस्कुराने की कोशिश करते हैं,
मुस्कुराहट उससे कोसों दूर है
आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया को मजबूर हैं। 

प्रकृति के प्रकोप से कभी
रहता हमेशा परेशान है
अन्न दाता उसका नाम है ।

भवानंद सिंह
उ. मा. वि. मधुलता
रानीगंज अररिया

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