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भारतीय किसान-रीना कुमारी

भारतीय किसान

देखो ये हैं भारतीय किसान,
जो करते खेतों में दिन भर काम,
नहीं कभी भी है इन्हें आराम,
देश का करे ये रौशन नाम,
इनकी है एक अलग पहचान,
देखो ये हैं भारतीय किसान।

सुबह सबेरे धोकर मुँह कान,
बाँध पोटली अपना जलपान,
सर पे पगड़ी बाँध चले शान,
अच्छे फसल इनके अरमान,
सब प्राणी में डाले ये जान,
देखो ये हैं भारतीय किसान।

सर्दी में इन्हें ठंड कपकपाते,
गर्मी में इन्हें है लू लग जाते,
फिर भी खेतों में पानी पटाते,
लहलहाते फसल इनको है भाते,
गजब का इनका स्वाभिमान,
देखों ये हैं भारतीय किसान।

ठेस न लगने देते ये अपना अभिमान,
मेहनत करते सदा जी जान,
देश की प्रगति में इनका अहसान,
बने रहेगें ये यूँ ही सदा महान,
जीने का सबको दे ये वरदान,
मानो धरती पर ये हीं भगवान,
देखो ये है भारतीय किसान।

सोचो अगर न होते किसान,
खेतों में अन्न उपजाता कौन?
अनाजों की उपज बढ़ाता कौन,
इनकी कर्मठता का करो सम्मान,
लालच न करना इनकी आन,
ऐसे होते हमारे भारतीय किसान,
देखो ये हैं भारतीय किसान।

रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमलवाड़ी पश्चिम टोला
बायसी पूर्णियाँ बिहार

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