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बिहार के लाल भारत के भाल-विवेक कुमार

Vivek

बिहार के लाल भारत के भाल

बहुमुखी प्रतिभा के धनी बिहार का लाल,
जिसने अपने कार्यों से किया देश को निहाल।
जिरादेई के कमलेश्वरी, महादेव का सितारा,
अपने कर्मो से बढ़ाया लोगों के सोच का पिटारा।
सरल जीवन, ऊंचे विचार, यही था उनका व्यवहार,
सच्चाई और सादगी के अवतार।
अंदर और बाहर का जीवन था जिनका एक समान,
भारतवासी जिन्हें करते है सदा नमन।
माध्यम परिवार से निकला बिहार का बाबू,
जानते है नाम से जिन्हें हमसब राजेंद्र बाबू।
बापू जिनके थे परम आदरणीय आदर्श,
मजबूत जिजीविषा ने पहुंचाया उन्हें फर्श से अर्श।
शरीर था दुबला पतला मगर फौलाद सा था मन,
आजादी के संग्राम में सक्रिय हो निभाई भूमिका समान।
विलक्षण प्रतिभा एवं राष्ट्र प्रेम ने बनया उन्हें मनोयोगी,
प्रथम राष्ट्रपति सह संविधान के बने सहयोगी।
भारत रत्न सम्मान ने बढ़ाया उनका बल,
बिहार के थे लाल भारत के बने भाल।।

विवेक कुमार

उत्क्रमित मध्य विद्यालय, गवसरा मुशहर
मुजफ्फरपुर, बिहार

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