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किताब- आशीष अंबर

सब चीजों से सबसे प्यारी,
होती है किताब ।

उलझे – उलझे हर सवाल का,
देती है जवाब ।

इसको पढ़कर बन जाता है,
मूर्ख भी विद्वान ।

अनपढ़ शिक्षित हो जाता है,
पा लेता है ज्ञान ।

कोई छोटी, कोई मोटी,
होती है किताब ।

कोई कठिन तो कोई सरल,
होती है किताब ।

पढ़ना – पढ़ाना अच्छी आदत,
सबसे अच्छा शौक ।

अध्ययन से बनते हैं इन्सान,
इससे न कर खौफ ।

किताब की महिमा है,
कितनी अपरम्पार ।

इसकी तुलना न कर सका,
यह पूरा संसार ।

आशीष अम्बर
( विशिष्ट शिक्षक )
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
प्रखंड – केवटी
जिला – दरभंगा
बिहार

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