छोटी सी रचना
मन के उदगारों को,
शब्द मिल गये।
कल्पना में सारे,
फूल खिल गए।
मन उड़ने लगा सपनों का
पंख लगाकर।
फिर थिरक उठी उंगलियाँ,
कोरे कागज पर।
दिल की बातों को,
मिला आईना।
पिरो दिये हमने,
शब्दों का गहना।
कोरे कागज पे,
रंग भर दिए।
आशा-उमंग के,
दीये जला दिये।
उकेर दिये मैनें,
मन की भावना।
ये है मेरी एक,
छोटी सी रचना।
🌷🌷प्रीति कुमारी 🌷🌷
कन्या मध्य विद्यालय मऊ
विद्यापति नगर समस्तीपुर
0 Likes