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देश के सच्चे सपूत-भवानंद सिंह

देश के सच्चे सपूत

02 अक्टूबर को है दो जयंती
जन्मे उस दिन दो शख्स महान,
दुनियाँ भी इस बात को मानती
थे दोनों बहुत नेक इंसान।
एक नाम था गाँधी बाबा
दूजा कहलाए धरती के लाल,
दोनों ही थे बहुत ही कर्मठ
कर्म से दोनों बने महान।
दीन के घर पैदा हुए शास्त्री जी
फिर भी आसमाँ को छुआ था,
सच्चे और अच्छे इंसान थे
हिम्मत उसमें था भरा हुआ।
दोनों थे शान्ति के पुजारी
मानव का कल्याण किए,
सत्य अहिंसा को अपनाकर
भारत को आजाद किए।
करो या मरो का नारा देकर
गाँधी जी ने अंग्रेजों को भगाया था,
जय जवान जय किसान का नारा से
शास्त्री जी ने देश को संभाला था।
जब शास्त्री जी बने प्रधानमंत्री
पाक को धूल चटाई थी,
जीत लिए लाहौर तक उसने
तिरंगा वहाँ फहराया था।
देश आभारी है दोनों का
श्रद्धा से पूजे जाते हैं,
अमिट छाप छोड़ गए धरा पर
देश शत शत नमन उन्हें करते हैं ।

भवानंद सिंह
उ. मा. वि. मधुलता
रानीगंज, अररिया

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