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देवभूमि हिमाचल-अपराजिता कुमारी

देवभूमि हिमाचल

देवभूमि मैं,
हिम का अंचल
‘हिमाचल’
स्थित मेैं भारत के
उत्तर पश्चिम में
है, क्षेत्रफल मेरा
55,673 वर्ग कि. मी.

कश्मीर किरीट तो हूंँ
मेैं, भारत का कंठ
उत्तर में मेरे जम्मू-कश्मीर
पश्चिम में पंजाब
दक्षिण में हरियाणा,
उत्तर प्रदेश
दक्षिण पूर्व में है,
उत्तराखंड और
तिब्बत से घिरी हूंँ
पूरब में

अस्तित्व में आई मैं,
15 अप्रैल 1948 में
जब 30 रियासतों ने
दिया मुझे आकार
बिलासपुर को शामिल कर
मैं बन गई पूर्ण राज्य

गौरवान्वित हूँ मैं,
व्यास, पाराशर, वसिष्ठ,
मार्कंडेय, लोमश, ऋषियों,
बौद्ध भिक्षुओं के
निवास स्थली होने का

किन्नौर, लाहौल, स्पीति से
बुद्ध ने जब जोड़ा नाता
करुणा मेरी अभिव्यक्त करते
बौद्ध और दलाई लामा

है शीत मरुस्थल में
तांबो, गोपा
है प्रसिद्ध कुल्लू का
दशहरा और जश्न
चंबा का

बिलासपुर, शिमला,
कांगड़ा, धर्मशाला, चंबा
सोलन, कुफरी, कुल्लू,
मनाली है श्रृंगार मेरा

देश को देती मैं
सेबों से अर्थव्यवस्था
बारहमासी पांच नदियों से
बनती पनबिजली
दिल्ली, पंजाब ,
राजस्थान को दे देती

सतलुज, ब्यास, यमुना,
चनाब, रावी, स्पीति ,
टोस,भागा, नदियां
मेरी सब हैं,
जीवनदायिनी

पर्यटकों के लिए भी हूं
मैं असीम सुख
एवं आनंद का स्रोत,
मैं हूं देवभूमि देवतुल्य,
देवभूमि, हिम का अंचल
‘हिमाचल’

अपराजिता कुमारी
राजकीय उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय
जिगना जगन्नाथ
प्रखंड- हथुआ
जिला – गोपालगंज

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