एक जमाना था
जब बच्चे गिल्ली-डंडा खेला करते थे।
एक जमाना था
जब बच्चे दादी की कहानियां सुना करते थे।
एक जमाना था
जब बच्चे पेड़ों से लटक कर झुला, झुला करते थे।
एक जमाना था
जब बच्चे मिट्टी के खिलौने से खेला करते थे।
एक जमाना था
जब बच्चे दोस्तों के साथ खेला करते थे।
एक जमाना था
जब बच्चे घर आंगन में धमा चौकड़ी मचाया करते थे।
लेकिन अब मोबाइल में खोया रहते हैं।
राम बाबू राम* *(प्रधान शिक्षक)*
नव. प्रा. वि. सदाटोल ईमादपुर गढ़पुरा (बेगूसराय)
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