Site icon पद्यपंकज

Exclusive Teacher – Narayan Ji Mishra

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है ।

संस्कृत, पालि,प्राकृत की वंशज 

शौरसेनी की यह संतान 

भारत के जन-जन की वाणी 

सैनिक हो या श्रमिक किसान 

हिन्द, हिमालय, कच्छ, बंग तक 

भाषा के भाल की बिंदी है 

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है   ।

तुलसी का श्रद्धा-अश्रु नीर 

मीरा, जायसी का प्रेम-पीर 

इसमें रैदास कबीर का सच 

रसखान विचरते यमुना-तीर 

देखो तो बिहारी का कमाल 

गागर में सिंधु भी बंदी है 

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है  ।

खुसरो की मुकरी खूब चली

विद्यापति की कोमल पदावली

अब्दुर्रहीम के अनुभव से 

दोहों में भाषा खिली पली 

ईंशाअल्ला का कथाप्राण 

भारतेंदु के मौर की कलंगी है 

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है   ।

मैथिलीशरण का राष्ट्र – प्रेम  

ये प्रसाद का बुद्धि-हृदय संवाद 

महादेवी की सजल वेदना 

निराला का गर्जित क्रांति-नाद 

कोमल प्राण पंत के स्वर में 

सरस्वती हृत्तंत्री   है  

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है  ।

दिनकर का ओजस्वी स्वर-लोक 

नागार्जुन प्रेषित रोष-कोप 

अज्ञेय के लघु-मानव की बात 

अस्तित्व को गाता मुक्तिबोध 

शुक्ल, नामवर, रामविलासकृत 

शिव मंदिर की नंदी है   

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है  ।

यह प्रेमचंद का है यथार्थ 

है धर्मवीर का कृष्ण-पार्थ 

कमलेश्वर के शहरी जीवन का 

सब कुछ इसमें विचारार्थ 

जैनेंद्र के मानस-चित्र विविध 

यहाँ कहाँ कोई हदबंदी है  

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है  ।

संसद से सड़क औ नगर-ग्राम 

इस हिन्दी दिवस का है पयाम 

कालेजों में, कचहरियों में  

हिन्दी में हों अब सारे काम 

गौरव अपना, अपनी अस्मत 

अब आड़े कौन फिरंगी है  ? 

हिन्दी ये हमारी हिन्दी है   ।

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version