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गुरु हैं जग के सोपान-अश्मजा प्रियदर्शिनी

गुरु हैं जग के सोपान

गुरुवर के सानिध्य में बनते हम महान
न रहते नादान, देते आशिष बनाते सुल्तान
गुरूवर देते हमें अनुपम सकल ज्ञान
हमारी नादानी का करते निदान
दूर करते हमारे अज्ञान
सत्य, धर्म, सत्कर्म का करते अनुष्ठान
हरते विविध बाधा, हर व्यवधान
अपने सम्यक ज्ञान का करते व्याख्यान
उनके निर्देशन नित करते हम ध्यान
गुरूवर देते हमें ज्ञान अमृत समान
गुरु हैं पथ-प्रदर्शक जग के दिव्य सोपान
शिक्षण में ज्ञान का करते आदान-प्रदान
जीवन के संकट से देते त्राण
खुशियाँ के दीप सजाते करते जग कल्याण
विषम परिस्थितियों में करते जब क्रन्दन
गुरु आस बँधाते करते समस्या का समाधान
पाताल हो या हो जमीं आसमान
हर क्षेत्र में गुरूओं ने दिया अभय ज्ञान
जिनके कृतित्व से निहाल सारा जहान
गुरु नव जीवन देते करते नवीन शक्ति का
संचार, गुरु पर जान कुर्बान
जिनके सहारे सपनो के पंख लगा भरते हम उड़ान
गुरूवर हमारे पथ-प्रदर्शक जग के हैं सोपान
विद्यालय बन जाए मंदिर गुरु वासुदेव समान
हृदय-तल से नमन उन्हें दिल में है अटल सम्मान
शिष्यो झुकाकर चरणों में करते हम प्रणाम
गुरूवर के निर्देशन में पूरे होते हर अरमान
परीक्षा में सफलता पाते ज्ञान का चढता परवान
गुरु हमारे अन्दर, बान और जगत के शान
जीवन में सफलता का देते वरदान
हमारे अदम्य साहस विलक्षण प्रतिभा पर
छुपा लेते अपनी मुस्कान
दिल से कहते विजयी हो हिन्द के जवान
गुरूवर है पथ-प्रदर्शक जग के है सोपान
बालक है धरा के वीर, धीर अंशुमान
सफलता कदम चूँमे जीते रहो आयुष्मान
गुरूवर पर हमें है अभिमान
हम रहते तत्पर जो भी देते वो फरमान
सभी गुरूवर को नमन भूतकालिक या वर्तमान
गुरु के साथ से हीं सजते राष्ट्र के सुन्दर गाण
गुरु हीं आशीष गुरु हीं जग के कृपा-निधान
गुरु से शक्ति गुरु से आशक्ति गुरु से है स्वाभिमान
गुरु से हीं इतिहास में दर्ज है स्वर्णिम निशान
गुरु पूर्णिमा पर उनकी महिमा से पुलकित होते प्राण
गुरूवर है पथ-प्रदर्शक जग के है सोपान

 अश्मजा प्रियदर्शिनी
पटना, बिहार
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