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गुरु का करें सम्मान-विवेक कुमार

Vivek

गुरु का करें सम्मान 

“गु” का अर्थ तिमिर है होता,
“रु” से होता तिमिर विनाश,
इन्हीं दो अक्षरों में छुपा है,
सम्पूर्ण ज्ञान का सार,
जिनकी यही है पहचान,
करते जो सबका कल्याण,
कहलाते हैं वो गुरु महान,
गुरु का करें सम्मान।
गुरु का करें सम्मान।।

अंधियारा जो दूर है करते,
रखते हर पल सबका ध्यान,
अनवरत जो करते ज्ञान का दान,
सच्चाई की राह दिखाते,
कर्म पथ की देते जो सीख,
हमें इन पर है अभिमान,
वो गुरु ही हैं हमारे कृपा निधान,
गुरु का करें सम्मान।
गुरु का करें सम्मान।।

ईश्वर से ऊंचा दर्जा है जिनका,
करूं सदा उनका गुणगान,
आग की तपिश में हमें तपोकर,
निखरा सोना हमें बनाते,
कोरे कागज पर बनाते,
अमिट स्याही निशान,
उनका करें गुणगान,
गुरु का करें सम्मान।
गुरु का करें सम्मान।।

कण कण में बसते भगवान,
मगर दिल दिमाग में बसते एक ही नाम,
वो गुरु ही हमारे सर्वशक्तिमान,
जिनका रहता शिष्यों पर हर पल ध्यान,
गुरु के होते हैं रूप अनेक,
हर रूपों में होता एक ही दाता,
गुरु जिसे कहा है जाता,
जो भटके को राह दिखाता,
ज्ञान का भंडार है जिसके पास,
गुरु का करें सम्मान।
गुरु का करें सम्मान।।

नौसिखिए को बाज बना दे,
वो गुरुवर वीर महान,
धरा जिनका करता है मान,
जो कराए स्वयं का भान,
वैसे भाग्य विधाता गुरु को मेरा,
कोटि कोटि प्रणाम,
गुरु का करें सम्मान।
गुरु का करें सम्मान।।

सर्व पल्ली राधाकृष्णन जी का,
शिक्षक दिवस पर आज करते हैं याद,
उनके जन्मदिन पर करते,
सभी शिक्षकों का सम्मान,
जो सदा रखते हैं रखेंगे,
हम छात्रों का ध्यान,
आशा है यही है विश्वास
गुरु को करें सम्मान।
गुरु का करें सम्मान।।

✍️विवेक कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय गवसरा मुशहर
(स्व रचित एवं मौलिक)

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