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हमारा बिहार-आँचल शरण

हमारा बिहार

ए मेरे भारत के भाल-बिहार,
तुम्हे शत-शत वंदन, मिले आभार!
जन्मभूमि है महापुरुषों की
विश्व मानचित्र के कर्णधार।।
ए मेरे भारत के भाल…..तुझको …(१)

है धरती चाणक्य की,
जैन धर्म लाए महावीर
जमीं बनी आर्यभट्ट सी,
शून्य में जो प्रखर लाल।।
ए मेरे भारत के ….. ..(२)

शहनाई बिस्मिलाह खान की,
हिम्मत हो राजेंद्र प्रसाद सी।
पुण्य जन्मभूमि गुरु गोविंद की,
जो बने सिख के दशवें करतार।।
ए मेरे भारत के …. …(३)

गए बुद्ध बनने बोधगया,
विश्वशांति का स्तूप अपार।
मैथिल कोकिल है विद्यापति,
जो रचे मैथिली काव्य हमार।।
ए मेरे भारत के …. .. (४)

दिनकर, रेणु, बेनीपूरी यही से,
हो नागार्जुन, आरसी, नेपाली सरिके।
और जगमग गीता श्री, अनामिका की
काव्यों से निकली तान भाव, हुए सभी भाव विभोर।।
ए मेरे भारत के ……. (५)

अंगिका, वज्जिका, मगही
और हो भोजपुरी, मैथिली !
शारदा, अक्षरा, मालिनी-कोकिला से, झूमे अपना हर पल बिहार ।।
ए मेरे भारत के .. (६)

गंगा, बागमती, कोसी, घाघरा,
सोन, महानंदा, पुनपुन, कमला।
और बहे फल्गु, कर्मनाशा
जो पखारे चरण तोहार !!

ए मेरे भारत के …. (७)

वैशाली, पटना, मुंगेर, राजगीर,
हो गोलघर, योगा, स्तंभ, स्तूप।
नालंदा हो या हो विक्रमशिला,
जिसकी हो रही आज भी जयकार।।

ए मेरे भारत के भाल- बिहार,
तुम्हे शत शत वंदन, मिले आभार ! (८)

आँचल शरण
बायसी पूर्णिया बिहार

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