हे मानव
हे मानव,
ईश्वर तुम्हें बनाया किस लिए,
जगत का तुम कल्याण करो,
तुम्हारा जन्म हुआ इसलिए।
हे मानव,
तुम अपनी शक्ति को पहचानो,
ईश्वर के तुम उत्तम संतान हो,
कुछ अच्छा करना तुम्हारा काम है।
हे मानव,
तुम मानव बनो,
ईर्ष्या, द्वेष को त्यागो मन से,
सेवा का भाव जगाओ मन में।
हे मानव,
सभी जीवों में श्रेष्ठ हो तुम,
अपनी श्रेष्ठता साबित करो,
कुछ अच्छे कर्म तुम यहाँ करो।
हे मानव,
जन्म अगर तुम लिये यहाँ हो,
अपने जन्म को सार्थक करो,
समय को यूँ न व्यर्थ करो।
हे मानव,
जाने लगो जब इस जहाँ से,
रोये यहाँ के लोग सभी,
ऐसा करो कुछ कर्म सभी।
भवानंद सिंह
रानीगंज, अररिया
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