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होली-लवली वर्मा

होली

होली रंगों का त्योहार,
फाल्गुन का पर्व विशेष।
उड़ते रंग और गुलाल,
मिट जाते हैं द्वेष-क्लेश।

अच्छाई की जीत दर्शाता,
होलिका दहन होता विशिष्ट।
अनुराग होता चहुं ओर,
उड़ते जब रंग और अबीर।

बनते हैं मीठे पकवान,
मालपुए अति स्वादिष्ट।
दही बड़े के क्या कहने,
स्वाद जिसका उत्कृष्ट।

नए वस्त्र सभी पहनकर,
शाम को मिलने जाते जब।
करते एक दूजे का स्वागत,
पकवान अनेक खाते सब।

पेड़-पौधे, पशु-पक्षी मनुष्य,
सभी होते हैं उत्साहित।
बच्चे बूढ़े और सभी व्यक्ति,
हर्षित हो करते नृत्य-संगीत।

लवली वर्मा
प्राथमिक विद्यालय छोटकी रटनी
हसनगंज, कटिहार

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