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हिन्दी एक शाश्वत भाषा-प्रियंका प्रिया

हिंदी एक शाश्वत भाषा

हिंदी है भाषा की जननी,
है इसका महत्व अग्रणी।
हमारे जीवन नैया की यह है कर्णधार,
क्योंकि इसकी है महिमा अपार।
इसके साथ आए अनेक विचार,
जिसका यह हमारे जीवन में करे प्रसार।।

सादगी, सच्चरित्रता, विनम्रता एवं मधुरता
जैसे तत्वों का है यह भंडार,
जिससे हो हममें सद्गुणों का संचार।
हिंदी के बिना हमारा जीवन है नीरस,
क्योंकि हिंदी से ही बनती है हमारी बोली सरस।
हिंदी लाए हमारी वाणी में मिठास,
क्योंकि इसमें होती है कुछ बातें खास।
हिंदी है एक शाश्वत भाषा,
जिससे जीवन में आए आशा।

देश में सर्वाधिक हिंदी है बोली जाती,
हर जगह यह है सर्वोच्च सम्मान पाती।
परंतु आधुनिक समय में हिंदी का बदला है स्वरुप,
और अब यह बन गई है कुरुप।
क्योंकि आधुनिक शिक्षा में आया है बदलाव,
और लोगों का बढ़ा है अंग्रेजी से लगाव।

हिंदी खोती जा रही है अपनी पहचान,
हम हो रहें हैं अपनी मातृभाषा से अन्जान।
अंग्रेजी को लोग लगे हैं अपनाने,
और हिंदी को लगे हैं भूल जाने।

आओ हम सब मिलकर करते हैं ये प्रण,
हिंदी को दिलाएँ हम उसका आसन।।

प्रियंका प्रिया
स्नातकोत्तर शिक्षिका
पटना, बिहार

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