Site icon पद्यपंकज

जल ही जीवन-अशोक कुमार

 

जल ही जीवन

जल ही जीवन है,
इसके बिना जीवन निराधार।
आओ मिलकर करे,
जल न हो बेकार।
जल जीवो को जीतना जरूरी,
पेड़-पौधो को भी उतनी ही जरुरी।
यदि जल संकट हो जाय तो,
भूमंडल पर प्रलय आ जाये।
मानव करलो तुम बिचार,
जल को करो न तुम बेकार।
जल है तो जीवनसुगम है,
आओ मिलकर करे बिचार।
जल को बार्बादी से बचाए,
जरूरत से ज्यादा प्रायोग न करके।
वह दिन अब दूर नही,
परी पृथ्वी विरान पड़ी।
जल को यदि बचाना है,
पेड़-पौधे लगाना है।
ताल-पोखर का निर्माण कर,
जल संचय कराना है।
बर्षा का जल को बार्बादी से बचाए,
इससे सिचाई का काम करे।
पीने योग्य जल को बचाकर,
समझदारी का परिचायक बने।
सब मानव का अधिकार,
जल न हो बेकार।
जल संरक्षण के प्रति अभी से सोचे,
सभी जीवो का होगा कल्याण।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर
0 Likes
Spread the love
Exit mobile version