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जल जीवन हरियाली-प्रिती कुमारी

जल जीवन हरियाली 

है चहुँ ओर हरियाली
और चली हवा मतवाली,
धरती अम्बर सब डोले
जब बाग में पपीहा बोले ।
जब पुरबा ले अंगराई
नभ में बदरी छाई,
फिर झूम के बादल बरसा
और तृप्त हो गई वसुधा ।
जंगल में मयूरा नाचे
मन उसके पीछे भागे ,
जल जीवन और हरियाली
करना इनकी रखवाली ।
क्योंकि ……
इनपर ही है सब निर्भर
और इनसे ही है सबको आश,
अगर ये न रहे इस धरती पर
तो हो जायेगा हमारा समूल नाश ।

प्रीति कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मऊ विद्यापति नगर समस्तीपुर

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