झांसी की रानी
साहस और वीरता थी जिसकी पहचान
हुई कम न कभी जिसकी आन बान शान
और नहीं कोई वो तो नई नवेली रानी थी
लड़ी बेखौफ अंग्रेजों से साहस के बल पर
बच्चों नहीं कोई वो तो झांसी वाली रानी थी….
थी शौर्य, धैर्य और संयम और थी
अपने कर्म पथ पर अडिग चट्टानों सी कायम
क्षण में था जिसने ढेर फिरंगियों को किया
अपने बाहुबल पर कहलाई जो मर्दानी थी
और नहीं कोई वो तो झांसी वाली रानी थी…..
उनके साहस और पराक्रम की कहानी
सुनाते आज भी गर्व से हम हिंदुस्तानी
वीरता से दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे
और राज्य, प्रजा बचाने की खातिर
स्वयं की दी बेखौफ बलिदानी थी
साहस की मिसाल बनी वो महारानी थी
और नहीं कोई वो तो झांसी वाली रानी थी…..।
मधु कुमारी
कटिहार
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