Site icon पद्यपंकज

जोश जज्बा और जुनून-विजय सिंह नीलकण्ठ

जोश जज्बा और जुनून

जोश जज्बा और जुनून 
है जिसको तीनों प्रसून 
सफल सदा वही होता है 
कहता कुदरत का कानून। 
जोश सदा उत्साहित करके 
नित कर्म को प्रेरित करता है 
जज्बा जुनून फिर उससे मिलकर 
कार्य को पूरी करता है। 
कई उदाहरण मिल जाएंगे 
जिसके पास ये तीनों होते 
इसी के बल पर ऐसे मानव 
दुःख दूर भगाकर सुख में जीते। 
जिसने इन पारस को पाया 
स्वयं को कनक बना डाला 
स्वयं का जौहरी ऐसे बनकर 
कठिन भी सरल बना डाला।
पाषाण भी पथ न रोक सके 
इन तीनों के मिलने से 
पथ बाधा भी कंपन करता 
तीनों के पराक्रम से। 
सबमें तीनों रत्न भरे हैं 
बस इसकी पहचान करो 
असफलता भाग जाएगी 
स्वयं का काज सफल कर लो 
फिर खुशियों से झोली भर लो।
विजय सिंह नीलकण्ठ
सदस्य टीओबी टीम
0 Likes
Spread the love
WhatsappTelegramFacebookTwitterInstagramLinkedin
Exit mobile version