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योगा सही ढंग से जीने का विज्ञान
यह संस्कृत शब्द ‘युज’ से बना
जिसका मतलब है जुड़ना
एक जन्म मां के कोख दूसरा योग।
योग के चार हैं रास्ते
राजयोग, कर्मयोग, भक्तियोग, ज्ञानयोग,
राजयोग के आठ अंग को जाने
यम, नियम, आसन, प्राणायाम
प्रत्याहार, धारण, ध्यान और समाधि।
योग शुरू करने से पहले
बुरे ख्याल निकाले,
खाली पेट योग करना
आराम वाला कपड़ा पहनना,
स्वच्छ वातावरण में योगा करना
शरीर के साथ जबरदस्ती न करना।
योगा के शुरू में करें यह आसन
ताड़ासन, भुजंगासन, उष्ट्रासन, गोमुखासन,
योग के अंत में करें श्वासन
समय कम हो तो करें सूर्य नमस्कार,
योग का अष्टांग सबसे उत्तम काम
प्राणायाम हर रोगी को देता आराम।
अस्थमा, मधुमेह, गठिया, रक्तचाप
सबसे लाभ पहुंचाएं फिजिकल फिटनेस,
सांस का नियंत्रण-विस्तार है प्राणायाम
सांस लेने के उचित तकनीक का अभ्यास,
भस्त्रिका, कपालभाति और
अनुलोम-विलोम,
भस्त्रिका में धीरे सांस ले बल से छोड़े
कपालभाति में पेट अंदर और सांस बाहर
अनुलोम-विलोम में एक नासिका छिद्र से सांस ले
दूसरें से छोड़े
कर ले इसी का विलोम अनुलोम-विलोम।
योग शरीर, मस्तिष्क आत्मा का मिलन
एक जगह स्थिर मन का नहीं भटकन,
विज्ञान जिस उपचार को नहीं दिया
योगा दे रहा एक सफल विकल्प
आशा जनक परिणाम एच. आई. भी. मे
कोविड में योगा बना प्राणाधार।
कुमारी निरुपमा