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मैं चाहूँ भईया का प्यार-मनु रमण “चेतना”

Manu

मैं चाहूँ भईया का प्यार 

बहुत प्यारे हैं मेरे भईया
माँ पापा के दुलारे हैं मेरे भईया
ईश्वर उनकी रक्षा करना
वो सुख से खेवे जीवन नैया।।

मैं चाहूँ भैया का प्यार,
नहीं चाहूँ मंहगा उपहार।
रिश्ता अटूट रहे सदियों तक,
भईया को खुशियाँ मिले अपार।।

खुशियों से आंगन है गुलजार,
खत्म हुई बहनों का इंतजार।
प्रेम, श्रद्धा, और रक्षा का है,
भाईदूज का यह पावन त्योहार।।

नैहर का मान है भईया,
बहना का सम्मान है भईया।
अपनी बहन की रक्षा हेतु,
श्रीकृष्ण का अवतार है भैया।।

जब तक रवि शशि करेंगे विचरण,
तब तक तेरी यश गाए धरा गगन।
ईश्वर से यही विनती है मेरी,
तेरा आशीष मिले हर जीवन।।

गंगा न्योते जैसे जमुन को,
जैसे द्रौपदी न्यौते किशन को।
जबतक रहे गंगा की धारा,
“मनु” न्यौते निज भाई ललन को।।

स्वरचित:-
मनु रमण “चेतना”
पूर्णियाँ बिहार

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