Site icon पद्यपंकज

मैं प्रचण्ड प्रबला हूँ-मनु कुमारी

Manu

मैं प्रचण्ड प्रबला हूँ

मैं अबला नहीं ! प्रचण्ड प्रबला हूँ।
मैं ब्रह्मचारिणी और पतिव्रता,
कहो शिव की वामांगी या जनक सुता।
मैं प्रेम की जननी, हूँ जगत वंदिनी ,
भवप्रीता हूँ भवमोचिनी।
परम तेजस्विनी मैं, अहंकारियों के अहं एवं
असुरों के खड्ग को,
तिनकों से मिटाने वाली ज्वाला हूँ।
मैं अबला नहीं! प्रचण्ड प्रबला हूँ…….
मैं हूँ महागौरी, मैं हीं सरस्वती।
मैं दुर्गा मैं हीं आदिशक्ति।
सबको सुख संपत्ति देनेवाली,
भक्तों का दुःख हरनेवाली।
जीव मात्र की रक्षा करती,
माँ बनकर नवजीवन भरती।
अव्यभिचारिणी नारी रूप में,
मैं हीं चण्डिका माँ कमला हूँ।
मैं अबला नहीं! प्रचण्ड प्रबला हूँ…… …
मैं असुर संहारणि, भव भय भंजनि।
पाप विनाशनी, शुभ वरदायनी।।
मैं हीं रूक्मिणी, मैं हीं हूँ राधा।
हरती हूँ चहुं ओर की बाधा।
अधर्म विनाशिनी, धर्म रक्षिणी ,
कौरवों का नाश करनेवाली।
मैं द्रौपदी रजस्वला हूँ।
मैं अबला नहीं! प्रचण्ड प्रबला हूँ……
मैं ममता की मूरत, मेरी उज्ज्वल सूरत,
मैं हीं चारों धाम, मैं हीं हूं तीरथ।
मैं हीं हूँ घट-घट के वासी,
सकल जगत में मैं हूँ अविनाशी।
राम कृष्ण कहो या जगदम्बे,
कालरात्रि या फिर कहो दुर्गे।
आनंददायिनी माँ विमला हूँ।
मैं अबला नहीं! प्रचण्ड प्रबला हूँ।

स्वरचित:-
मनु कुमारी
मध्य विद्यालय सुरीगाँव, बायसी
पूर्णियांँ, बिहार

0 Likes
Spread the love
Exit mobile version