मैथ्स फोबिया गणित भय
कर्म को जो पथ दिखाया, प्राण उस पर चल रहे हैं,
गुरुवर के संग-संग हम गणित में बढ़ रहे हैं।
Hexagon, Pentagon नींद में देता हमें दिखाई,
Trapezium का Area अब तक समझ में न आई ।
Algebra की क्या बात करें, कुछ भी न होता Multiply
Differential, Integration तो सिर के ऊपर है भाई ।
चखनी है मुझे Engineering की मलाई,
Maths का डर मन से निकलता नहीं भाई ।
अजीब से सपने दिल को दहलाते हैं,
हम कभी Maths में पास तो कभी Fail नजर आते हैं ।
सोचता हूँ ये Maths किसने बनाई,
इसके चलते हो जाती हमारी अक्सर धुनाई ।
माना की रात घनघोर है, चारो तरफ अंधेरा है घना
हर सपना मेरा Maths के तले है जना ।
पर विश्वास खुद पर जो जुगनु बन टिमटिमा रहा,
Maths के डर को थोड़ा-थोड़ा भगा रहा ।
विश्वास है एक दिन हम आत्मविश्वास से जीत जाएँगे,
Maths को भी हम अपनी मेहनत से हरा पाएँगे।
नसीम अख्तर शिक्षक बी० बी० राम +2 विद्यालय नगरा, सारण
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