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मेरा मुल्क-अशोक कुमार

मेरा मुल्क

बन्दे मातरम बन्दे मातरम बन्दे मातरम,

शान हमारी तिरंगा है,
अरमान है हमारा।
सबसे ऊंचा रहे तिरंगा,
अभिमान हमारा।।

इसकी आजादी के लिए,
वीरों ने प्राण गंवाए।
कोई चढ़ा सूली पर तो,
किसी ने हंसते हंसते सीने पर गोली खाए।।

अंग्रेजों ने गोरों एवं कालों के बीच मतभेद चलाएं,
बापू ने सत्य अहिंसा का मार्ग अपनाएं।
किसी ने नरम दल तो,
किसी ने गरम दल बनाएं।।

जालियांवाला बाग नरसंहार हुआ,
तब जाकर देश मेरा आजाद हुआ।।
बाबू वीर कुंवर सिंह ने,
अंग्रेजों को लोहा मनवाया।
अस्सी के उम्र में भी अंग्रेजों को परास्त किया,
तब जाकर मेरा देश आजाद हुआ।।

झांसी की रानी ने दूर्गा का रुप लिया,
अंग्रेजों को सोचने पर मजबुर किया।
भारत की एकता के आगे अंग्रेजों को मूकी खानी पड़ी,
तब जाकर मेरा देश आजाद हुआ।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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