मेरे पिता मेरे भगवान
मेरे पिता जिन्होने मुझे सुंदर सा संसार दिया
आनंद खुशी और रंग-बिरंगे जैसे उपहार दिया
आंखों के तारे कह मेरे जीवन को सवांर दिया
सोना-चांदी हीरे- जवाहरात का नाम दिया
बेटी थी मैं उनकी पर बेटो से बढ़कर सम्मान दिया पढ़ा-लिखाकर उन्होंने मुझे शिक्षा दान दिया
उन्होंने कभी भी नहीं मेरा अपमान किया
गर्व से पिता को मैंने भगवान का नाम दिया।
मेरे पिता मेरी आन बाण और शान है
वास्तव में मेरे पिता मेरे लिए भगवान है
सच में ईश्वर का दिया वे अमूल्य वरदान है
उनका स्वाभिमानी जीवन अति महान है
मेरे लिए तो सचमुच ही वो मेरे जान है।
उनसे ही मिली मुझसे मेरी पहचान है।
सच में मुझे उन पर काफी अभि मान है।
मेरे जन्म दाता, मेरे विधाता, अति धैर्यवान है।
ईश्वर सी मुरत है मेरे पिता, माँ मेरी सीता समान,
राम का रूप देखू मैं उनमें सहनशीलता है पृथ्वी समान।
वंदन करूँ, मैं करूँ अभिनंदन प्रातः नित्य करु नमन, ऐसे पिता हर जन्म मे मिले, हर बार मिले यही भगवान,
संधर्ष पथ पर खुद चलकर वो दुःखों से मुझे रखे अनजान,
सदा ही देते है वो मुझे अच्छे विचार और ज्ञान।
हृदय में मेरे रहेगा सदा ही उनके लिए सम्मान,
सचमुच मेरे पिता है मेरे लिए महान,
ईश्वर से है ये प्रार्थना सदा बनाये उनको चिरंजीवि आयुष्मान।
रीना कुमारी
प्रा० वि० सिमल्वाड़ी पं टोला बिहार